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Saturday, May 4, 2024

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यूपी: योगी सरकार में राजधानी लखनऊ में 40 फीसदी से ज्यादा एडेड स्कूल बंदी के कगार पर।

न्यूज डेस्क(यूपी) लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 40 फीसदी से ज्यादा एडेड स्कूल बंदी के कगार पर है। विद्यांत हिन्दू इंटर कॉलेज, लखनऊ इंटरमीडिएट कॉलेज, इंडस्ट्रियल इंटर कॉलेज, बिशन नारायण इंटर कॉलेज…ये सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल एक जमाने में शहर की पहचान रहे हैं। यहां दाखिले के लिए लाइन लगा करती थी। अब यह पहचान खत्म होने की कगार पर है। सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी   पढ़ने के लिए छात्र  नहीं हैं। 

ऐसे में शासन ने इस स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शासन का कहना है कि पहले इन स्कूलों में छात्रसंख्या थी। इसको देखते हुए शिक्षकों के पद भी स्वीकृत किए गए। अब संख्या में भारी गिरावट आई है। ऐसे में अगर पुराने पदों के हिसाब से यहां शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं तो न केवल शिक्षक खाली बैठेंगे बल्कि, शासन को बेकार का खर्च उठाना पड़ेगा। उधर, शिक्षक संगठनों का कहना है कि  शासन के कदम से भविष्य में इन स्कूलों के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। 

स्कूलों में छात्रसंख्या के हिसाब से शिक्षक रखे जाएं
    
राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक से ऐसे स्कूलों की छात्रसंख्या के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। साफ किया है कि अब स्कूलों की छात्रसंख्या के हिसाब से ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राजधानी में करीब 98 सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन सरकारी खजाने से जाता है। जानकारों की मानें तो, 40 प्रतिशत से ज्यादा स्कूल खाली हो चुके हैं। कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं जहां, छात्रसंख्या न के बराबर है। सिर्फ बिना मान्यता के दूसरे निजी स्कूलों के छात्रों के फॉर्म भरवाने का खेल चलता है।

 यह हैं राजधानी के स्कूलों का हाल 

इंडस्ट्रियल :  हर माह एक छात्र पर 20 हजार से ज्यादा खर्च

बासमंडी स्थिति इंडस्ट्रीय इंटर कॉलेज में कक्षा छह से 12 तक प्रिंसिपल समेत करीब 17 शिक्षक हैं। प्रतिमाह करीब 17.10 लाख रुपये सिर्फ इनके वेतन पर खर्च हो रहा है। 9 व 11वीं कक्षा में सिर्फ 14 बच्चे पंजीकृत हैं। यही हाल दूसरी कक्षाओं का भी है। कागजों में छात्रसंख्या 60 के आसपास है। 

विद्यांत :  35 का स्टाफ, पढ़ने के लिए छात्र नहीं 

विद्यांत हिन्दू इंटर कॉलेज में 27 शिक्षक और 7 कर्मचारी जोड़कर 35 का स्टाफ है। करीब 25 लाख रुपये महीने का वेतन जाता है। 9वीं व 11वीं कक्षा में छात्रसंख्या करीब 50 से 60 के बीच है। 6 से 12 तक के स्कूल में कुल संख्या 150 में सिमट रही है। ऐसे में कॉलेज पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।

कुछ शहरी इलाकों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर क्षेत्रों में चलने वाले सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चे हैं। यहां शिक्षक उपलब्ध न होने के कारण छात्रसंख्या घट रही है। शासन के इस निर्देश से एडेड स्कूलों को बंद करने की मंशा झलक रही है। 
डॉ. आरपी मिश्र, प्रवक्ता, माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट)

शासन के निर्देश पर 30 अधिकारियों की टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। इन टीमों को 10-10 स्कूलों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। 05 अक्तूबर तक रिपोर्ट चयन बोर्ड प्रयागराज को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 
डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

   राजधानी में एडेड स्कूलों का हाल 

कक्षा नौंवी व 11वीं की कुल छात्रसंख्या 

स्कूल                                   कुल छात्र  
बाबा ठाकुरदास इंटर कॉलेज            35
श्री दिगम्बर जैन इंटर कॉलेज           17
गांधी विद्यालय आलमबाग                39
सोहनलाल इंटर कॉलेज                     43
गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज                  41
बिशन नारायण इंटर कॉलेज                24
वैदिक कन्या इंटर कॉलेज                    17

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