रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को सूरत की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए और उन्होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में वह दोषी नहीं हैं।
सूरत (गुजरात) – यह मामला राहुल की कथित टिप्पणी ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है’ से जुड़ा है। सूरत-वेस्ट से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया था।
इस मामले में राहुल गांधी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी एच कपाड़िया की अदालत में पेश हुए। अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह इन आरोपों को स्वीकार करते हैं तो उन्होंने कहा कि वह निर्दोष हैं। गांधी की दलील दर्ज किए जाने के बाद उनके वकीलों ने अगली सुनवाई में उनके निजी तौर पर उपस्थित रहने से स्थायी छूट मांगने वाला एक आवेदन दिया।
याचिकाकर्ता के वकीलों ने छूट देने का विरोध किया तो अदालत ने कहा कि इस आवेदन पर वह 10 दिसंबर को फ़ैसला सुनाएगी। अदालत ने कहा कि उस तारीख पर अगली सुनवाई में गांधी को उपस्थित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। जुलाई में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने राहुल को सुनवाई में निजी तौर पर पेश होने से छूट दी थी और अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर नियत की थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी एच कपाड़िया ने मई में राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किए थे। यह समन स्थानीय भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जारी किए गए थे।