पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के लिए पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में कहा कि पाकिस्तानियों को न्याय और समानता के लिए संघर्ष करना चाहिए क्योंकि केवल वही देश फलता-फूलता है जो न्याय और योग्यता को महत्व देता है।
भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद तीन साल जेल की सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अल्लामा इकबाल और मोहम्मद अली जिन्ना (पाकिस्तान के संस्थापक) का सपना था, जिनका पूरा संघर्ष मदीना जैसे राज्य की स्थापना कर (अविभाजित) भारत के मुसलमानों को आजाद कराना था, जिसके नेताओं ने दुनिया पर शासन किया।
क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने कहा, ‘उन्होंने ऐसे पाकिस्तान का सपना देखा था जहां सबसे खास बात न्याय और समानता हो और कानून समाज के कमजोर वर्ग को शक्तिशाली लोगों से बचाए।’ उन्होंने कहा कि न्याय को महत्व देने वाला समाज ही तरक्की करता है।’ पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता ने कहा कि पाकिस्तानियों को दूसरे देशों में अवसरों की तलाश करने की जरूरत नहीं होती, अगर पाकिस्तान में न्याय होता। खान ने पाकिस्तानियों से अपने देश की बेहतरी के लिए संघर्ष करने की अपील करते हुए कहा, ‘योग्यता (मेरिट) और न्याय एक साथ मिलकर पाकिस्तान में समृद्धि लाएंगे।’
उन्होंने कहा, ‘आप कहीं भी जाएं, आपको पाकिस्तान से बेहतर जगह नहीं मिलेगी। तो आइए पाकिस्तान की आजादी (अन्याय और असमानता के पंजे से) के लिए एक साथ संघर्ष करके इस देश को बेहतर बनाएं।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब कानून के समक्ष सभी के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।
तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद खान फिलहाल अटक जेल में बंद हैं। उनकी दोषसिद्धि के बाद चुनाव आयोग ने राजनेता को पांच साल के लिए राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया था। ‘द न्यूज’ की खबर के मुताबिक पीटीआई की कोर समिति ने सोमवार को चिंता जताई कि खान ‘धीमी गति से जहर’ से पीड़ित हो सकते हैं और मांग की कि उन्हें तुरंत घर का बना भोजन और पानी मुहैया कराने की व्यवस्था की जाए।
पीटीआई ने खान की जमानत याचिका पर सुनवाई में ‘अनुचित देरी’ की भी कड़ी निंदा की। खान भ्रष्टाचार और आतंकवाद के कई आरोपों का सामना कर रहे हैं। पीटीआई नेताओं ने नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए खान को अटक जेल में रखने और उन्हें अडियाला जेल में स्थानांतरित करने की याचिका पर फैसले में अनावश्यक देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सबसे विवादास्पद और पक्षपाती न्यायाधीश के सबसे काले फैसले के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पूर्वाग्रह और पक्षपात न्याय की हत्या में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन रहा है।