नई दिल्ली 02 नवम्बर* दो पहिया और चार पहिया वाहनों का इंश्योरेंस आज से महंगा हो गया है। अभी तक टू-व्हीलर गाड़ियों का कमीशन कम होने के चलते बीमा एजेंट इंश्योरेंस करवाने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते थे। इसीलिए वे काफी समय से कमीशन बढ़ाने की मांग करते आ रहे थे। जिसको मंजूरी देते हुए इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीए ने बीमा एजेंटों को मिलने वाले कमीशन को बढ़ा दिया है।
कितना बढ़ा है कमीशन
अब बीमा कंपनियां चार पहिया वाहनों के मामले में एजेंट को 15 फीसदी की जगह 17.5 फीसदी और दो पहिया वाहनों के मामले में 10 फीसदी की जगह 15 फीसदी कमीशन दे सकेगी।
कॉम्प्रीहेंसिव का कमीशन
देश में दो तरह के इंश्योरेंस कवरेज होते हैं- कॉम्प्रीहेंसिव और थर्ड पार्टी.
कॉम्प्रीहेंसिव के तहत गाड़ी के पूरे डैमेज और चोरी को कवर किया जाता है और दूसरे के तहत सिर्फ थर्ड पार्टी को कवर किया जाता है। कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस के मामले में कमीशन बढ़ा है।
थर्ड पार्टी मामले में भी तय कमीशन
थर्ड पार्टी के मामले में पहले एजेंट का कमीशन तय नहीं था। बीमा कंपनियां मौटे तौर पर उन्हें 100 से 150 रुपए दिया करती थीं लेकिन अब उन्हें वार्षिक प्रीमियम का 2.5 फीसदी कमीशन के रूप में मिलेगा।
जरूरी है थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस
भारत में थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस बाध्यकारी है। अप्रैल से जून के बीच जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री द्वारा संग्रहित प्रीमियम में इसका योगदान 55 फीसदी है। वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी बेचकर 138.50 अरब रुपए का संग्रह किया। इसमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का योगदान 76.08 अरब डॉलर रहा।