रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
व्यापार से जुड़े मुद्दों पर वार्ता में अमरीका की ओर से अपनी मांगें थोपने की कोशिश के कारण चीन ने वार्ता निरस्त कर दी।
विदेश – अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने चीनी उत्पादों पर 200 अरब डालर की कस्टम ड्यूटी लगाने की घोषणा के बाद चीनी सूत्रों ने बताया है कि इसी सप्ताह अमरीका में आयोजित होने वाली वार्ता को चीन ने निरस्त करने का फ़ैसला किया है।
अमरीका के राष्ट्रपति ने ट्वीट किया था कि चीनी उत्पादों पर 25 प्रतिशत कस्टम ड्यटी बढ़ाई जाएगी। इसके बाद चीन ने कहा कि वह अपने वार्ताकारों की टीम वाशिंग्टन नहीं भेजेगा।
चीन और अमरीका के बीच व्यापारिक वार्ता का दसवां चरण गत गुरुवार को बीजिंग में आयोजित हुआ था। इसमें चीन की ओर कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी के पोलित ब्योरो के अधिकारी लियो हे और अमरीका की ओर से वित्त मंत्री स्टीवन मनोचिन तथा व्यापरिक मामलों के प्रतिनिधि राबर्ट लाइटीज़र ने भाग लिया। योजना के अनुसार इस सप्ताह दोनों पक्षों के बीच वाशिंग्टन में 11वें चरण की बातचीत होने वाली थी।
अमरीकी राष्ट्रपति ने चीनी उत्पादों पर 25 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगाने की घोषणा एसे समय की जब व्यापारिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही थी। ट्रम्प के इस क़दम को तनाव बढ़ाने वाले क़दम के रूप में देखा जा रहा है।
कहा जाता है कि ट्रम्प ने चीनी वार्ताकार टीम पर दबाव डालने के उद्देश्य से यह ट्वीट किया ताकि वह वाइट हाउस की मांगें मानने पर मजबूर हो जाए मगर चीन ने दबाव में आने के बजाए वार्ता का अगला चरण रद्द करके कठोर संदेश दिया है कि वह वाइट हाउस की अनुचित मांगें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।
वाइट हाउस की कोशिश है कि वह व्यापारिक मुद्दों पर जारी वार्ता में एकतरफ़ा रूप से फ़ादया हासिल कर ले क्योंकि चीन को अमरीका के बाज़ार की ज़रूरत है मगर टीकाकार यह मानते हैं कि वर्तमान समय में वार्ता में चीन की स्थिति काफ़ी मज़बूत है क्योंकि अमरीका के भी बड़े आर्थिक हित चीन पर निर्भर हैं।