29 C
Mumbai
Friday, May 3, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

शिवपाल सिंह और अमर सिंह के बयानों से सियासी गलियारों में चर्चा तेज, सपा में फिर उठी चिंगारी ! —- रिपोर्ट – तन्नू सिंह

सौ. तीसरी जंग

लखनऊ – लोकसभा चुनाव करीब आते ही समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निर्देशन में तैयार हुए दो राजनीतिक किरदार एक बार फिर आमने सामने दिखने लगे हैं। इनमें से एक उनके भाई एवं सपा नेता शिवपाल यादव और दूसरे सपा प्रमुख अखिलेश यादव हैं।

मुलायम सिंह ने खुद को यह कहकर दरकिनार कर रखा है कि उनकी अब कोई नहीं सुनता, फिर भी वह किसी हद तक अपने भाई के साथ खड़े नजर आते हैं। इस सबमें एक अहम किरदार अमर सिंह जिसकी शिवपाल से दोस्ती जग जाहिर है। वह भी अब सपा से बहुत दूर हैं। शिवपाल यादव भाजपा में शामिल होने के कयासों को विराम लगा चुके हैं। इसके बाद आगामी लोकसभा चुनाव में शिवपाल के अहम रोल अदा करने और नई राजनीतिक पार्टी बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे हैं।

दो मोर्चों पर संगठित होने लगे शिवपालवादी

इस बीच शिवपाल वादी सपा समर्थक दो मोर्चों पर संगठित होने लगे हैं। सेक्युलर मोर्चा बनकर तैयार है। इसमें सेक्युलर मोर्चे में क्षेत्रीय दलों को शामिल करने की कवायद चल रही है। दूसरी ओर शिवपाल फैंस एसोशिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में शिवपाल वादी नेता पहले से संगठित हो चुके हैं। यह संगठन अपना विस्तार करीब-करीब पूरे प्रदेश में कर चुका है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने अपने बयानबाज नेताओं पर लगाम लगाने की तैयारी करते हुए नयी टीम घोषित कर दी है। साथ ही चेहरा चमकाने के लिए बयानबाजी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है।

शिवपाल राजनीति के लिए मुलायम की अच्छी देनः अमर
पूर्व सपा नेता अमर सिंह के मुताबिक शिवपाल यादव देश की राजनीति के लिए मुलायम सिंह यादव की अच्छी देन हैं। आज उन्होंने कहा कि उनके (शिवपाल) लिए तो भाजपा में उच्चतम स्तर पर बात की थी पर जिस दिन शिवपाल को भाजपा में शामिल होना था उस दिन तय समय पर वह नहीं आए। मेरा अब उनसे कोई संपर्क नहीं है। अमर सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा का समर्थन करेंगे। हालांकि उन्होंने भाजपा में शामिल होने से इन्कार कर दिया है।

लोहिया ट्रस्ट में मुलायम-शिवपाल साथ ।

सोमवार को लोहिया ट्रस्ट की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने ट्रस्ट के कार्यों की समीक्षा की और आगामी लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा की। अर्से बाद मुलायम और शिवपाल की बैठक के सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बीच एक शिवपाल वादी नेताओं का द्वारा एक सेक्यूलर मोर्चे का गठन करने के बाद से समाजवादी खेमे में बैचेनी बढ़ी है। माना जा रहा है सेक्यूलर मोर्चे में क्षेत्रीय दलों को शामिल करने की कवायद जारी है।

अनर्गल बयानबाजी होगी पर सख्ती ।

समाजवादी पार्टी ने अपने बयानबाज नेताओं पर लगाम लगा दी है। इलेक्ट्रानिक चैनलों पर मनमाने ढंग से चेहरा चमकाने और अनर्गल बयानों की पार्टी की स्थिति बिगाडऩे वालों पर सख्ती होगी। दो दर्जन पैनलिस्टों की सूची जारी कर इससे इतर नेताओं पर टीवी अथवा अन्य संचार माध्यमों पर बयानबाजी करने पर रोक लगा दी हैं ।

कानपुर – शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी ने ली चुटकी, विपक्ष के एक टुकड़े हो, दो टुकड़े हो, एक दिल के कितने टुकड़े हो, ये आगे देखना है-पचौरी

शिवपाल के अलग होने से अखिलेश और कमजोर हुए-सत्यदेव पचौरी

जो बेटा अपने पिता-चाचा को नहीं पहचानता, उसे जनता क्या पहचानेगी- पचौरी

 

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »