मुम्बई – राउत ने कहा कि दिल्ली में धार्मिक आधार पर चुनाव लड़ने की कोशिश की गई, किन्तु जनता ने यह संदेश दे दिया कि अब चुनाव धर्म नहीं, बल्कि काम के आधार पर लड़ा जाएगा।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि दिल्ली हिंसा में जल रही थी तो केंद्र सरकार क्या कर रही थी?
उन्होंने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि गृहमंत्री को सड़क पर उतर कर हिंसा रोकने के लिए पहल करनी चाहिए थी, परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, दिल्ली की मौजूदा दशा अत्यंत गंभीर है और यह सब तब है, जब देश में मजबूत सरकार, मजबूत प्रधानमंत्री और मजबूत गृहमंत्री हैं और ऐसे में दिल्ली की हिंसा चिंताजनक है और इस बारे में संसद के आने वाले सत्र में चर्चा जरूर होगी।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा की करारी हार पर राउत ने कहा कि दिल्ली में धार्मिक आधार पर चुनाव लड़ने की कोशिश की गई, किन्तु जनता ने यह संदेश दे दिया कि अब चुनाव धर्म नहीं, बल्कि काम के आधार पर लड़ा जाएगा।
संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में तीन विचारधाराओं के लोगों ने एक साथ मिलकर सरकार बनाई है। यह काम बहुत कठिन काम था, लेकिन संभव हो गया।
जानकार हल्कों का मानना है कि दिल्ली अब भी हिंसा की आग में जल रही है और दंगाइयों को पुलिस और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों का मौन समर्थन न होता तो दिल्ली में हिंसा की आग ही न जलने पाती।
इसी प्रकार ये हल्के सवाल उठा रहे हैं कि अब सबका साथ सबका विकास जैसे नारे कहां गये?