योगी सरकार में कानून व्यवस्था एक बार फिर विफल साबित हुई है। कानपुर में हुई हिंसा और आगजनी, पथराव से स्पष्ट है कि सरकार की प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह फेल साबित हुई है, और इनका खुफिया तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त है। योगी सरकार खानापूर्ति के नाम पर एफ.आई.आर तो लिखती है लेकिन जिम्मेदार आला अधिकारियों पर कार्यवाही न करके उनको बचाने में जुट गयी है।
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कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने कानपुर की घटना पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हए कहा कि चाहे योगी सरकार का पहला कार्यकाल हो जिसमें हाथरस, सहारनपुर, लखीमपुर, और जनपद सोनभद्र के उम्भा गांव की घटना हो जिसमें खूफिया तंत्र एवं सरकार की नाकामी सामने आयी अधिकारियों को बचा लिया गया इसी तरह कानपुर की घटना में भी मुखौटों पर कार्यवाही कर अधिकारियों को बचाया जा रहा है। योगी सरकार में दिन प्रतिदिन अपराधिक घटनायें और सुनियोजित कानपुर की घटना जैसी साजिशें बढ़़ती जा रहीं हैं लेकिन सरकार उन पर नियंत्रण करने के बजाय सिर्फ झूठे प्रचार करने में व्यस्त है।
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प्रवक्ता सचिन रावत ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि कानपुर की हिंसा के जिम्मेदार मुखौटों के अलावा जो पर्दे के पीछे हैं उनको जनता के सामने लाया जाये और उन पर कार्यवाही हो साथ ही जो जिम्मेदार अफसर हैं उन पर भी सख्त कार्यवाही हो।
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