कन्नौज(यूपी) जिले के सरकारी अस्पतालों में ताला डालकर स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। ऐसे में खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों के सामने झोलाछाप से इलाज का ही विकल्प बचा है। यह इन्हीं से दवाई ले रहे हैं। सरकारी अस्पताल पहुंचने पर मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है मरीजों के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में कोई यह तक बताने वाला नहीं है कि डॉक्टर कब, कहां मिलेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टरों से परामर्श के लिए जारी टेलीफोन सूची भी हवा-हवाई निकली। आरोप है कि डॉक्टरों का फोन नहीं उठता। अगर गलती से उठ गया तो रोग सुनते ही काट देते हैं। मेडिकल स्टोर पर पहले से पैरासिटामॉल का अभाव है। यह मिल गई तो अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। शहर, कस्बा, गांवों में खांसी, बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिलने से यह परेशान हैं।
वहीं सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते ओपीडी बंद की गई है। यह बंद न करते तो कोरोना संक्रमण और बढ़ सकता था। अब डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना में लगाई गई है। मरीजों व तीमारदारों को इनके जारी नंबर पर फोन कर दवा व राय ले लेनी चाहिए। संक्रमण समाप्त होने के बाद जिले के सभी अस्पतालों की ओपीडी खोल दी जाएगी।