रिपोर्ट – विवेक मिश्र
फ़तेहपुर – अभी हाल ही में बाराबंकी में पैंसठ लाख की रिश्वत के मामले में ढिलाई बरतने और दोषी इंस्पेक्टर के प्रति सॉफ्ट कार्नर होने की वजह से एक ips को ही कार्यवाही का दंश झेलना पड़ा,बावजूद इसके पुलिस के कुछ ख़ाकीधारी अपनी इस आदत को सुधार नहीं पा रहे हैं और अक्सर अपराधियों से उनका सॉफ्ट कार्नर उनके लिए गले की फांस बन जाता है।
ताजा मामला फ़तेहपुर जनपद का है यहां लगभग एक सप्ताह पूर्व मथुरा से बरौनी जाने वाली सरकारी लाइन को तोड़कर तेल चोरी करने का प्रयास किया गया था, अपराधी अपने मंसूबे में कामयाब भी हो गए थे मगर समय पर एक गार्ड की नज़र पड़ गयी जिसने मलवां पुलिस को तत्काल बताया,इससे पहले पुलिस मौके पर पहुंचती, सभी तेल तस्कर टैंकर छोड़कर फरार हो गए,टैंकर को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लेकर दाखिल कर दिया,अब पुलिस के लिए ये नाक का विषय था कि घटना का खुलासा हो।
बताते हैं कि सर्विलांस की मदद से फ़तेहपुर पुलिस ने मथुरा के एक बड़े तेल माफ़िया की इस प्रकरण में संलिप्तता पाई और उसे मथुरा से टीम बनाकर उठाया जिस पर लगभग तीन दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।इस माफ़िया को कई दिन बैठाने के बाद अचानक पुलिस का सॉफ्ट कार्नर उसके साथ जुड़ गया,अब स्थानीय पुलिस का कहना है कि उसका जुड़ाव इस घटना के साथ नहीं मिल रहा। अब जरा आप ही सोंचे कि निरोधात्मक कार्यवाही दिखाने के लिए पुलिस न जाने कितने बेकसूर लोगों पर 107/16, 151 और दारू लगाकर कार्यवाही कर देती है मगर आज अचानक एक बड़े तेल माफ़िया पर पुलिस की इतनी इनायत हो गयी कि इन्हें वह बड़ा अपराधी बेकसूर नज़र आने लगा जिस पर तेल चोरी में हत्या जैसे तीन दर्जन जघन्य मुकदमे दर्ज हैं। कुछ तो दाल में काला है साहब नहीं पुलिस यूं ही पैरवी नहीं करती। ख़ैर अब देखने की बात यह होगी कि ईमानदार एसपी होने के बावजूद सरकारी लाइन से तेल चोरी करने वाले असल लोग ( माफ़िया ) जेल जाएंगे या माफ़िया के इशारे पर ही उसके टट्टुओं को ही जेल भेजकर स्थानीय पुलिस अपने जेब का वज़न बढ़ाएगी।