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Friday, May 3, 2024

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सार्थक कदम उठाए तो पहला केस कैसे आया- अखिलेश यादव

न्यूज डेस्क (यूपी) लखनऊ: आज पूरे देश में कोरोनावायरस का कहर जारी है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी। इससे पहले पीएम ने 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन किया था। लेकिन इसको लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है कि, जब देश में कोरोना का एक भी केस नहीं था, तब से स्क्रीनिंग शुरू की गई। यदि इसे मान लें तो कोराना भारत में कैसे आया? वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने लॉकडाउन का समर्थन किया, लेकिन कहा- मजदूरों, किसानों के हितों का भी सरकार को ध्यान रखना चाहिए।

अखिलेश यादव ने टि्वट कर सरकार पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने मंगलवार को अपने टि्वट में लिखा- दावा है कि जब कोरोना के केस नहीं थे तब ही विभिन्न एअरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गयी थी। लेकिन सवाल ये है कि वो कितनी गंभीर और सार्थक रही? अगर ये सच है तो फिर ये बताया जाए कि कोरोना हमारे देश में पहले पहल कैसे आया? जब सार्थक काम होंगे, तब ही सच में देश का भला होगा।दावा है कि जब कोरोना के केस नहीं थे तब ही विभिन्न एअरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गयी थी लेकिन सवाल ये है कि वो कितनी गंभीर और सार्थक रही. अगर ये सच है तो फिर ये बताया जाए कि कोरोना हमारे देश में पहले पहल कैसे आया.


मायावती ने कहा- जरूरतमंदों को सहायता मिले
बसपा प्रमुख मायावती ने भी टि्वट कर कहा- अगर जनहित को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सरकार कुछ शर्तों के साथ कोरोनावायरस लॉकडाउन का विस्तार करती है तो बसपा समर्थन करेगा। लेकिन सरकार को गरीबों, मजदूरों, किसानों और अन्य मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखना चाहिए और उन्हें लॉकडाउन के दौरान सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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