केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का उल्लंघन करने के कारण कड़ी फटकार लगाई है. सीआईसी ने कहा कि ये गैरकानूनी है कि पीएमओ आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा भेजी गई बड़े घोटालेबाजों की सूची पर जानकारी नहीं दे रहा है.
बीते दो नवंबर को केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने द वायर की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए पीएमओ, वित्त मंत्रालय और आरबीआई को आदेश दिया था कि वे 16 नवंबर 2018 से पहले बताएं कि रघुराम राजन की सूची पर क्या कदम उठाया गया है.
इससे पहले द वायर ने रिपोर्ट किया था कि रघुराम राजन ने 4 फरवरी 2015 को एनपीए के बड़े घोटालेबाज़ों के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था और कार्रवाई की मांग की थी. राजन ने सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय ही नहीं, बल्कि वित्त मंत्रालय को भी ये सूची भेजी थी, जिसके मुखिया केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली हैं.
आरबीआई, पीएमओ और वित्त मंत्रालय रघुराम राजन द्वारा भेजी गई सूची को सार्वजनिक करने और उस पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने से मना कर रहे हैं. सीआईसी के आदेश के बावजूद पीएमओ ने ये जानकारी नहीं दी.
बीते 16 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने पीएमओ की सभी दलीलों को खारिज करते हुए एक बार फिर ये आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय रघुराम राजन द्वारा भेजे गए बड़े डिफॉल्टरों के नाम और उन पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दे.
सीआईसी संदीप सिंह जादौन द्वारा दायर आरटीआई आवेदन को लेकर सुनवाई कर रही थी. संदीप सिंह ने 50 करोड़ और उसे ऊपर के बैंक डिफॉल्टरों के बारे में जानकारी मांगी थी.
पीएमओ ने तर्क दिया कि आरटीआई आवेदन मूल रुप से पीएमओ के साथ दायर नहीं की गई थी इसलिए सूचना नहीं दी जा सकती और इस पर सूचना आयुक्त के आदेश का पालने करने का प्रश्न ही