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Wednesday, May 22, 2024

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सोमवार आधी रात से यूपी में पेट्रोल 2.50 रुपये और डीजल एक रुपये प्रति लीटर हो गया महंगा

न्यूज़ डेस्क (उत्तर प्रदेश) लखनऊ: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल को महंगा कर दिया है। सरकार द्वारा वैट (मूल्य वर्धित कर) बढ़ाने से पेट्रोल लगभग 2.50 रुपये और डीजल एक रुपये लीटर महंगा हो गया है। बढ़ी हुई दरें सोमवार आधी रात से लागू हो गई हैं। लखनऊ में पेट्रोल 71.30 रुपये से बढ़कर 73.66 रुपये और डीजल 64.36 रुपये से 65.28 रुपये प्रति लीटर हो गया है। दूसरे शहरों में पेट्रोल-डीजल की दरें कुछ कम-ज्यादा हो सकती हैं।

दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से जनता की नाराजगी को थामने के लिए राज्य सरकार ने पांच अक्टूबर 2018 को वैट की दर को एक झटके में घटाकर पेट्रोल-डीजल को 2.50-2.50 रुपये प्रति लीटर सस्ता कर दिया था। पेट्रोल पर जहां वैट 26.80 से 3.02 फीसद घटाकर 23.78 फीसद वहीं डीजल पर वैट 17.48 से 3.43 फीसद कम करके 14.05 फीसद किया गया था। इससे सरकार को राजस्व का लगातार नुकसान हो रहा था। विभागीय अफसरों के मुताबिक वैट घटाने से अब तक चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व घट चुका है।

चूंकि चुनाव खत्म हो चुके हैं और निकट भविष्य में कोई बड़ा चुनाव नहीं इसलिए घाटे की भरपाई के लिए सरकार ने एक बार फिर वैट की दर को बढ़ाकर उतना ही कर दिया है जितना पांच अक्टूबर 2018 से पहले थी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, वाणिज्य कर आलोक सिन्हा की ओर से देर शाम अधिसूचना जारी कर दी गई। सिन्हा ने बताया कि वैट की दर बढ़ाये जाने से पेट्रोल लगभग ढाई रुपये व डीजल एक रुपये महंगा होने का अनुमान है। हालांकि, तेल कंपनियों द्वारा अंतिम रूप से तय की जाने वाली दरें विभिन्न शहरों के लिए इससे कुछ कम-ज्यादा हो सकती हैं।

अधिसूचना के मुताबिक सरकार अब फिर पेट्रोल से 26.80 फीसद वैट या न्यूनतम 16.74 रुपये प्रति लीटर में से जो भी अधिक रहेगा, उसकी वसूलेगी। इसी तरह डीजल पर 17.48 फीसद वैट या 9.41 रुपये प्रति लीटर में से जो भी ज्यादा होगा, उसकी वसूली करेगी। प्रति लीटर न्यूनतम राजस्व हासिल करने की पहले वाली व्यवस्था फिर से लागू हो जाने पर तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल व डीजल के दाम घटाए जाने पर भी राज्य सरकार, पेट्रोल व डीजल की बिक्री से प्रति लीटर न्यूनतम तय राजस्व की वसूली सुनिश्चित कर सकेगी। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतें गिरने पर भी राज्य सरकार को मिलने वाले वैट राजस्व में कमी नहीं आएगी। ऐसे में तेल कंपनियों द्वारा दाम घटाने का पूरा लाभ प्रदेशवासियों को नहीं मिलेगा।

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