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Sunday, April 28, 2024

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हमारे इलाक़े में अमेरिका की हर छावनी का ब्योरा हमारे पास… अमरीका से बदले के 13 तरीक़ों में से एक कमज़ोर तरीक़ा ही अमरीकियों की नींद उड़ा देगा…

एडमिरल अली शमख़ानी ने कहा है कि एहतियात की वजह से हम बदले के बारे में अधिक ब्योरा नहीं दे सकते लेकिन हम अपने देश की जनता से कह रहे हें कि राष्ट्र के महानायक जनरल क़ासिम सुलैमानी के खून का बदला किसी एक आप्रेशन के रूप में बिल्कुल नहीं होगा।

विदेश – राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव एडमिरल अली शमख़ानी ने, शहीद क़ासिम सुलैमानी के खून का बदला लेने के बार में पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पहली बार हम मीडिया को बता रह हैं कि अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अमरीका से बदला लेने के 13 शैलियों पर चर्चा हो चुकी है और अगर इन 13 में से सब से हल्की शैली को भी व्यवहारिक बनाया गया तो वह अमरीकियों के एक भयानक सपना बन जाएगी।

एडमिरल अली शमखानी ने ” हरम ” नामक पत्रिका से बात चीत में कहा कि हम खुल कर कह रहे हैं कि मूल रूप से अमरीकियों को यह अपराध नहीं करना चाहिए था और अब जब कि उनके हाथ, जनरल सुलैमानी के खून से रंग गये हैं, उसके सभी संभावित परिणामों की ज़िम्मेदारी भी उनकी ही होगी।

एडमिरल अली शमखानी ने कहा कि स्ट्रेटजिक फैसलों के समय भावनाओं के आधार पर देश के अंतरराष्ट्रीय रुख का निर्धारण नहीं किया जाता बल्कि इसमें सैंकड़ों कारक, प्रभावी होते हैं और उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस मामले को अपने एजेन्डे में शामिल कर रखा है इस लिए फैसला हालांकि सुरक्षा व अंतरराष्ट्रीय हालात पर ध्यान देकर किया जाएगा लेकिन यह निश्चित है कि जनता की पवित्र भावनाओं को शांत किया जाएगा।

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विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ ने भी कहा है कि बदला लिया जाएगा 

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर क्षेत्र में अमरीका की 19 सैन्य छावनियां हैं जिनमें 11 हेड बेस भी हैं और यह सारी छावनियां, ईरान के पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं से बिल्कुल निकट हैं जबकि ईरान के उत्तर और दक्षिण में अमरीका की 8 छावनियां हैं जहां हाई अलर्ट है और हम को अमरीकियों के सैनिकों की संख्या और इन छावनियों में मौजूद हथियारों और उपकरणों का ब्योरा भी मालूम है और हम इन सभी छावनियों पर गहरी नज़र रखे हैं।

एडिमिरल शमखानी ने कहा कि अमरीकियों को मालूम है कि वह ईरान की जवाबी कार्यवाही के सामने काफी कमज़ोर हैं और यही वजह है कि हमारी अंतिम सूचनाओं के आधार पर अमरीकी सैनिकों ने गश्त में भारी कमी कर दी है और अपने सैनिकों को छावनियों के भीतर ही बंद रहने को कहा है और इसी से पता चलता है कि अमरीकियों का यह अनुमान है कि ईरानी, मिसाइलों से जवाब देंगे जो गश्त करने वाले अमरीकी सैनिकों को आसानी से निशाना बना लेंगी।

ईरान की उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शमखानी ने कहा कि अमरीका, अपने सैनिकों को छावनियों के भीतर ही बंद करके खुश न हों क्योंकि हमारी तरफ से बदले की कार्यवाही ऐसी होगी कि अमरीकी जनता को भी यह पता चल जाएगा कि उनके देश की आतंकवादी कार्यवाही की क़ीमत क्या है? हम बल देते हैं कि अमरीकी सैनिकों को निशाना बनाएंगे अब अगर वह छावनियों में घुसे रहेंगे तो हम अमरीकी छावनियों को भी तबाह करेंगे।

उन्होंने कहा कि क्या मैं बतांऊ कि छावनियों में घुस कर बैठने वाले अमरीकी सैनिकों का अंजाम क्या होगा? जवाब स्पष्ट है, जो अमरीकी सैनिकों छावनियों में घुसे रहेंगे, वह हमारे बदले की कार्यवाही से बचने के लिए दरवाज़े बंद लेंगे लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि हम उनके लिए नर्क के दरवाज़े खोल देंगे।

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जनरल सुलैनामी की शवयात्रा में शामिल लोगों ने भी जल्द बदले की मांग की

एडमिरल शमखानी से यह पूछा गया कि अमरीका कहता है कि अगर ईरान ने जवाबी कार्यवाही की तो ईरान के तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जाएगा तो उस पर उन्होंने कहा कि यह रोचक बात है कि एक आतंकवादी देश, आतंकवादी कार्यवाही करता है और फिर जवाब न देने के लिए धमकाता भी है लेकिन अमरीका तो हमें दशकों से धमकाता आ रहा है लेकिन तबस जैसी घटनाओं की वजह से कुछ करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारे लिए खतरों की जांच का समय बीत चुका है अब हम सीधे खतरों पर चर्चा कर रहे हैं और अमरीकियों को एसा सबक़ सिखाएंगे कि वह भी याद रखेंगे फिलहाल हम इस  बात पर विचार कर रहे हैं कि शुरुआत किस से की जाए ?

उन्होंने कहा कि ईरान का संदेश स्पष्ट है, अमरीका ने ईरान के राष्ट्रीय नायक की हत्या की है, हम चुप नहीं रह सकते अब अमरीकी चाहें तो अपने पैरों पर चलते हुए हमारे इलाक़े से चले जाएं वर्ना हम उन्हें ताबूतों में भेजेंगे।

साभार पी.टी.

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