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Tuesday, May 28, 2024

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हर्बल खेती का प्लान फेल होने पर पूर्व आईएएस ने दबंग प्रधान को बेची थी 90 बीघा जमीन।

रिपोर्ट-विपिन निगम

न्यूज डेस्क(यूपी): सोनभद्र के उम्भा गांव में बुधवार दोपहर हुए खूनी संघर्ष के पीछे बिहार कैडर के पूर्व आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा का नाम सामने आ रहा है। आईएएस ने यहां आदिवासियों के कब्जे में रही 90 बीघा जमीन को कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम करा लिया था। उस समय तहसीलदार के पास नामांतरण का अधिकार नहीं था, लिहाजा नाम नहीं चढ़ सका। इसके बाद सात सितंबर 1989 को आईएएस ने अपनी पत्नी व बेटी के नाम जमीन करवा ली। आईएएस की बेटी इस जमीन पर हर्बल खेती करवाना चाहती थी। लेकिन जमीन पर कब्जा न मिलने की वजह से उसका प्लान फेल हो गया।

सोनभद्र हत्याकांड; 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज, 24 लोग गिरफ्तार

नियम है कि, सोसाइटी की जमीन किसी व्यक्ति के नाम नहीं हो सकती। इसके बाद आइएएस ने विवादित जमीन में से काफी बीघा जमीन मूर्तिया गांव के प्रधान यज्ञदत्त सिंह भूरिया को औने पौने दाम पर बेच दी। हालांकि जमीन पर आदिवासियों का कब्जा बरकरार रहा। लेकिन पटना से आईएएस का एक शख्स जिसका नाम धीरज है, वह हर साल प्रति बीघे लगान भी वसूलने आता था।

प्रधान ट्रकों से लेकर आया 200 हमलावर
बुधवार को प्रधान यज्ञदत्त ट्रैक्टर ट्राली व ट्रकों में भरकर करीब 200 लोगों को लेकर घोरावल थाना इलाके उम्भा गांव पहुंचा। इन लोगों के पास गंड़ासे व अवैध तमंचे थे। प्रधान ट्रैक्टरों से खेत की जबरन जुताई करवाने लगा। यह देख ग्रामीणों ने विरोध किया तो प्रधान के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। लोगों के मुताबिक, इस दौरान हमलावरों ने सामने आने वाले ग्रामीणों को गंड़ासे से काट डाला। करीब दो सौ राउंड फायरिंग हुई। फायरिंग में गोली लगने व गंड़ासे से घायल ग्रामीणों की लाशें खेत में चारो तरफ गिरती चली गईं। लोगों का कहना है कि, ओबरा-आदिवासी बहुल जनपद में सदियों से आदिवासियों के जोत को तमाम नियमों के आधार पर नजरअंदाज किया जाता रहा है। सर्वे होने के बाद अधिकारियों की संवेदनहीनता उन्हें भूमिहीन बनाती रही है। इलाके में रसूखदार लोग इस तरह की काफी जमीनों पर अवैध तरीके से काबिज हैं।

वारदात के बाद से ही फरार है प्रधान
इस खूनी में संघर्ष में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी तक मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसएसपी सलमान ताज पाटिल के मुताबिक मामले में 27 लोगो के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। लेकिन वारदात के 24 घंटे बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग सका है।

मुआवजे के ऐलान पर हुआ अंतिम संस्कार
मृतकों के परिवार वालों ने सुबह शव लेने से इंकार कर दिया था। सपा समेत कई दलों ने इस कांड के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। जिला प्रशासन ने समझा बुझाकर पीड़ित परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए मनाया। मृतकों के परिवार को दस बीघा जमीन व घायलों के परिवार को पांच बीघा जमीन दी जाएगी। मुख्यमंत्री की तरफ से पांच लाख व किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रूपए मुआवजा दिया जाएगा।

सोनांचल बना अफसरों के काली कमाई का इजी केक
आइएएस अफसरों ने अपने रिश्तेदारो के माध्यम से अपनी काली कमाई का निवेश करने के लिए सोनांचल को हब बना लिया है। सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने अपने परिवार वालों के नाम से काफी जमीन खरीदकर फार्म हाउस, होटल, खनन से लेकर खेती तक के प्रोजेक्ट डाल दिए हैं। जिन जमीनों पर कभी आदिवासियों का अधिकार था, उसको राजस्व कर्मचारियों की साठगांठ से अपने नाम करवा लिया। पिछले एक दशक से जमीन पर कब्जे को लेकर जंग की कई घटनाएं सोनभद्र के साथ मिर्जापुर के पहाड़ी इलाकों में हो चुकी है।

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