रिपोर्ट – विवेक मिश्र
फ़तेहपुर – जनपद के अधिकतर निजी चिकित्सालयों की कारगुजारियां किसी से छिपी नहीं है जिसके बारे में पिछली खबरों में हम आपको बताते आ रहे हैं यहां कुछ को छोड़कर अधिकतर नर्सिंग होमो के संचालक झोलाछाप हैं एक एक डॉक्टर की डिग्री से आधा दर्जन से ज्यादा नर्सिंग होम संचालित होते हैं जब डिग्रियां महीनवारी में बिक रही हैं तो इलाज के क्या हाल होंगे आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं यह सीएमओ ऑफिस से लेकर नर्सिंग होम तक रैकेट के रूप में काम करते हैं, कुछ नर्सिंग होमो में तो डॉक्टर उपलब्ध हैं फिर भी विशेषज्ञ न होने की वजह से लोगों की जान चली जाती है और कई बार संचालक मरीज को अंत तक लूटने की चक्कर मे समय से रिफर नहीं करता जिससे उसकी जिंदगी बचना मुश्किल हो जाती है, लेकिन हम जिसकी बात करने जा रहे हैं उसके पास तो रुपये की भी कमी नहीं थी फिर आखिर किन परिस्थितियों में उस नवयुवक की जान चली गयी ये जांच का विषय है। आपको बता दें कि घघौरा गांव निवासी राजेश नाम का एक युवक पत्थरकटा स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती हुआ था, ख़ास यह भी है कि यह नवयुवक भारत सरकार की आयुष्मान योजना का जनपद में पहला लाभार्थी था जिसे कार्ड से इलाज कराना था मतलब रुपये की भी कोई समस्या नहीं थी,इस कार्ड में पांच लाख रुपये तक का इलाज हो सकता है। बताते हैं कि अचानक बुधवार की रात एक इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की हालत बिगड़ गयी और फिर विशेषज्ञ न होने की वजह से स्थिति संभलना मुश्किल हो गई और अंततः उसकी मौत हो गयी। वहीं आपको बता दें यह अस्पताल पहले से भी अपनी कारगुजारियों में चर्चित रहा है लगभग दो ढाई वर्ष पूर्व एक मरीज के तीमारदार को इसी नर्सिंग होम के बाहर पीट पीट कर मार दिया गया था जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था जिसके बाद ये नर्सिंग होम कई महीने तक बंद रहा यहां मरीजों का आवागमन भी शून्य हो गया।समय और स्थितियां बदली,हत्या के मुकदमे में फंसे डॉक्टर सहित स्टाफ ने अपनी जमानत करा ली और फिर से सेटलमेंट करके पुनः नर्सिंग होम चालू हो गया। धीरे धीरे करके मरीज फिर से आने लगे,कल फिर जनपद के प्रथम आयुष्मान लाभार्थी की इसी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत हो जाने पर परिजनों ने बाहर हंगामा शुरू कर दिया और फिर से यह नर्सिंग होम सुर्खियों में आ गया,इस बार संचालक ने मामला फंसने नहीं दिया और उस युवक की मौत का रेट तय करके मामला रफा तफ़ा कर लिया।लेकिन सोचने की बात यह है कि महज कुछ रुपये के चक्कर मे लोग अपने परिजनों के अनमोल जीवन का सौदा कैसे कर लेते हैं। साथ ही एक और बड़ा सवाल स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर उठना लाज़मी है कि आखिर जिन अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत जोड़ा गया है, क्या उनकी जांच पड़ताल की गई कि वह बेदाग हैं और क्या उनके यहां मानकों का ख्याल रखा गया है या फिर पुरानी भ्रष्ट ब्यवस्था अब भी हावी है।
बिग ब्रेकिंग फ़तेहपुर – हुसेनगंज थाना क्षेत्र के सहिमापुर से किशोरी के गायब होने के बाद चर्चित हत्याकांड के अभियुक्तों को पुलिस ने पकड़ा,मृतका के साथ गैंगरेप की भी थी चर्चा।ब्लाइंड हत्याकांड के खुलासे में महीनो से उलझी पुलिस ने हल की गुत्थी,दो युवकों को किया गिरफ्तार।युवकों ने ही की थी किशोरी की हत्या,फ़तेहपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी।