अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की वेबसाइट्स में तकनीकी खराबी अलग-अलग देशों में तैनात उसके एजेंटों के लिए काल बन गई। कुछ पकड़े गए तो कुछ को जान गंवानी पड़ी। सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने इस बात का दावा किया है। इस दावे के मुताबिक यह एजेंट्स चीन और ईरान जैसे देशों में तैनात थे। रिसचर्स के मुताबिक इंटरनेट सुरक्षा में चूक का यह मामला 2011 और 2012 का है। इसके चलते चीन में दो दर्जन से अधिक एजेंटों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं ईरान में भी बड़ी संख्या में एजेंटों को या तो मौत के घाट उतार दिया गया या फिर उन्हें जेल भेज दिया गया।
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शौकिया जासूस ने पकड़ा
यह रिसर्च टोरंटो यूनिवर्सिटी की सिटीजन लैब के सुरक्षा विशेषज्ञों ने की है। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें बताया गया है कि सुरक्षा में इस चूक को ब्रिटेन के एक शौकिया जासूस ने पकड़ा था। इसके बाद सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसकी जांच शुरू की। जानकारी के मुताबिक रॉयटर्स एजेंसी में पत्रकार जोएल शेटमैन ने रिसर्च ग्रुप को इस बारे में जानकारी दी थी। इसमें बताया गया कि सीआईए का एक जासूस असुरक्षित नेटवर्क का इस्तेमाल करने के चलते ईरान में पकड़ में आ गया। इसके बाद उसे सात साल जेल में बिताना पड़ा था।
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तो कई की जान पर खतरा
इस बीच शोधकर्ताओं ने कहा है कि वह पूरी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर रहे हैं। ऐसा करने से कई अन्य सीआईए के जासूसों की जिंदगी खतरे में आ जाएगी। हालांकि इस खुलासे ने एजेंसी के डिजिटल सेफ्टी पर सवाल उठा दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 885 वेबसाइट्स सीआईए द्वारा इस्तेमाल की गई थीं। बताया जाता है कि यह वेबसाइट्स समाचार, हेल्थकेयर और मौसम से जुड़ी थीं।
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