तारिक अनवर का बयान
बिहार के कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति स्पष्ट करनी होगी। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले आगे बढ़ेंगे। इसके अलावा, उन्होंने पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की जरूरत पर भी जोर दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान के बाद 8 फरवरी को आए नतीजों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे वह 26 साल बाद फिर से सत्ता में आ गई। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान झेलना पड़ा और वह केवल 22 सीटों पर ही सिमट गई।
कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उसे लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। इसके साथ ही, कांग्रेस ने दिल्ली में लगातार तीन चुनावों में शून्य सीटों के साथ एक अनचाहा रिकॉर्ड बना दिया।
इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस की सफाई
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने पर सवाल उठे, जिसके जवाब में कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन केवल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि उसने गठबंधन के लिए पहल की थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उसे केवल 10 सीटें देने की पेशकश की थी, जबकि कांग्रेस 15 सीटें चाहती थी। कांग्रेस का मानना था कि अगर दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते तो भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाया जा सकता था।
क्या कांग्रेस में बदलाव की जरूरत?
दिल्ली में लगातार तीन चुनावों में शून्य सीट मिलने के बाद पार्टी के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक सुधार और राजनीतिक रणनीति में बदलाव की दिशा में कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार हार झेलने के बाद कांग्रेस के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद तारिक अनवर ने पार्टी की रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई और संगठन में बदलाव की मांग उठाई।
तारिक अनवर का बयान
बिहार के कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति स्पष्ट करनी होगी। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले आगे बढ़ेंगे। इसके अलावा, उन्होंने पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की जरूरत पर भी जोर दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान के बाद 8 फरवरी को आए नतीजों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे वह 26 साल बाद फिर से सत्ता में आ गई। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान झेलना पड़ा और वह केवल 22 सीटों पर ही सिमट गई।
कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उसे लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। इसके साथ ही, कांग्रेस ने दिल्ली में लगातार तीन चुनावों में शून्य सीटों के साथ एक अनचाहा रिकॉर्ड बना दिया।
इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस की सफाई
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने पर सवाल उठे, जिसके जवाब में कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन केवल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि उसने गठबंधन के लिए पहल की थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उसे केवल 10 सीटें देने की पेशकश की थी, जबकि कांग्रेस 15 सीटें चाहती थी। कांग्रेस का मानना था कि अगर दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते तो भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाया जा सकता था।
क्या कांग्रेस में बदलाव की जरूरत?
दिल्ली में लगातार तीन चुनावों में शून्य सीट मिलने के बाद पार्टी के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक सुधार और राजनीतिक रणनीति में बदलाव की दिशा में कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं।