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Wednesday, April 23, 2025

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भारतवंशी सांसदों ने ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले को बताया आत्मघाती, बोले- अमेरिकी अर्थव्यवस्था को खतरा

भारतवंशी अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को गैर जिम्मेदाराना और आत्मघाती करार दिया। भारतवंशी सांसदों ने अमेरिका और भारत दोनों देशों के नेताओं से अपील की कि वे बातचीत कर इस चुनौती से निपटें। बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक टैरिफ लगाने का एलान किया है। ट्रंप ने इसका एलान करते हुए कहा कि भारत हम पर 52 प्रतिशत टैरिफ लगाता है तो हम उस पर उसका आधा यानी 26 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे।

भारतवंशी अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि टैरिफ लगाने से कामकाजी परिवारों पर टैक्स का बोझ पड़ेगा ताकि ट्रंप अमीरों पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर सकें। उन्होंने कहा कि ‘ये कथित मुक्ति दिवस के टैरिफ गैर-जिम्मेदाराना और आत्मघाती साबित होंगे। इससे इलिनोइस के लोगों पर आर्थिक दबाव बनेगा, जबकि वे पहले से ही आर्थिक मुश्किलों से घिरे हैं।’ कृष्णमूर्ति इलिनोइस राज्य से ही सांसद हैं। उन्होंने कहा कि टैरिफ लगाने के चलते अमेरिका वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ जाएगा। इससे अमेरिका के सहयोगी देशों पर विपरीत असर पड़ेगा और इसके विरोधियों को फायदा होगा।

भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा देश मंदी का शिकार हो जाए, उससे पहले अमेरिकी लोगों को ट्रंप से अपनी विनाशकारी टैरिफ नीतियों को खत्म करने की अपील करनी चाहिए। टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था या राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। एक अन्य भारतवंशी सांसद रो खन्ना ने कहा कि ‘ट्रंप रातों-रात बिना किसी रणनीति, बिना किसी परामर्श, बिना किसी संसदीय इनपुट के टैरिफ लगाकर हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका क्या मतलब है? कीमतें बढ़ने वाली हैं। कारों की कीमतें बढ़ रही हैं। किराने के सामान की कीमतें बढ़ रही हैं। घर की मरम्मत और घर बनाने की कीमतें बढ़ रही हैं, और पूरी तरह से अनिश्चितता का माहौल है।’

भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. एमी बेरा ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘मैं साफ कर दूं कि ये टैरिफ अमेरिका को फिर से अमीर नहीं बनाएंगे। ये लागत आप पर डाली जाएगी- अमेरिकी उपभोक्ता पर। यह कर कटौती नहीं है। बल्कि यह कर वृद्धि है।’ पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार रहे और हवाईयन/प्रशांत द्वीपसमूह (AANHPI) आयोग के आर्थिक उपसमिति के सह-अध्यक्ष भारतवंशी अजय भुतोरिया का कहना है कि टैरिफ के चलते भारतीय वस्तुओं- जैसे कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स महंगे हो सकते हैं। वहीं टैरिफ ऑटोमोबाइल, किराने का सामान, चिकित्सा आपूर्ति और अनगिनत अन्य उत्पादों की लागत बढ़ जाएगी। इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को सालाना 2,500 से 15,000 डॉलर का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।’

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