36 C
Mumbai
Sunday, April 28, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

नर्सिंग होम बने लूट का अड्डा, इलाज के नाम पर मिलती है सिर्फ आर्थिक तंगहाली और फिर मौत । —- रिपोर्ट – विवेक मिश्र

फ़तेहपुर – सरकारें हमेशा से स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर बेहद संजीदा रही हैं और करोड़ों रुपए आम आदमी के स्वास्थ्य लाभ और शिक्षा में सुधार के लिए बहा रही हैं, मगर स्वास्थ्य विभाग की दुर्दशा इन दिनों किसी से छुपी नहीं है यह इज्जतदार प्रोफेशन मरीज के स्वास्थ्य लाभ के लिए नहीं बल्कि संचालक या डॉक्टर के ब्यक्तिगत लाभ का केंद्र बन गया है,कोई भी टपोरी जिसे डॉक्टरी का एबीसीडी भी नहीं आता आज वह नर्सिंग होम का संचालक बना बैठा है। इसके भी दोषी यह लोग नहीं है आखिर पैसा किसे प्यारा नहीं होता जब कोई धंधा नहीं चला तो लोगों की जिंदगी से खेलने का धंधा खोल लिया। असल मे इसके वास्तविक दोषी स्वास्थ्य विभाग के वही जिम्मेदार हैं जो इन्हें नर्सिंग होम का लाइसेंस बांटते हैं। आपको बता दें कि इनका भी बड़ा भारी नेटवर्क है यह सीएमओ ऑफिस को धनबल पर पूरी तरह से गिरफ्त में लिए हैं वहां चांदी के जूते के आगे कोई चूं से मूं नहीं कर सकता और फिर शुरू होता है बिना किसी छेड़छाड़ के लूट का धंधा। फिर चाहे इसमें किसी की जान जाए तो जाए। आपको बता दें कि जनपद में ऐसे ही निजी चिकित्सालयों की संख्या ज्यादा है,जिनका उद्देश्य आप के मरीज की बेहतरी नहीं बल्कि अपनी स्वयं की जेबें भरना है वह इसके लिए आपके मरीज की सेहत के साथ किसी भी हद तक जा सकते हैं,जनपद में अधिकतर निजी चिकित्सालयों के मानकों का कोई अता पता नहीं है फिर भी इन्हें स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस मिल जाता है आखिर कैसे ? इन निजी चिकित्सालयों का सबसे बड़ा टारगेट होती हैं गर्भवती महिलाएं, जिन्हें दलालों के माध्यम से अपने निजी चिकित्सालयों में बुलाकर, बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में गुमराह करके,उसे जान का खतरा बताकर मरीज के तीमारदारों को डराया जाता है ताकि वह ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएं और उनसे मोटी रकम ऐंठी जाए।बड़े बड़े विशेषज्ञों के बोर्ड लगाए ये नर्सिंग होम सिर्फ एक या दो सामान्य नर्सों के भरोसे अपना निजी चिकित्सालय चलाते हैं और स्वास्थ्य महकमा इन पर हमेशा मेहरबान रहता है।यही वजह है कि आये दिन प्रसूताओं के साथ घटनाएं होना आम बात हो गयी है अभी तीन दिन पूर्व ही कलक्टरगंज स्थित जगन्नाथ नर्सिंग होम में एक प्रसूता की अचानक मौत हो गयी थी जिनके परिजनों ने अस्पताल संचालक पर गम्भीर आरोप लगाए थे इन सबके बावजूद स्वास्थ्य महकमे के अफसर इन अवैध नर्सिंग होमो पर लगाम लगा पाने में अक्षम हैं।लगभग तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी पुष्पा सिंह ने इन अवैध नर्सिंग होमो के खिलाफ अभियान चलाया था और जिले में लगभग एक दर्जन निजी चिकित्सालयों पर कार्यवाही करते हुए कुछ के खिलाफ़ मुकदमा भी पंजीकृत करवाया था मगर बीते तीन वर्षों में इनकी संख्या में इकट्ठे भारी इज़ाफ़ा हुआ है और इसके पीछे सिर्फ इस पेशे में अंधाधुंध कमाई होना ही मुख्य वजह है।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »