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Tuesday, May 7, 2024

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नही थम रही प्रदेश में लेखपालों की अवैध वसूली। कन्नौज के तहसील छिबरामऊ में वकीलों-लेखपालों के बीच मारपीट, तोड़फोड़, प्रमाणपत्र बनवाने को लेकर हुआ बबाल।

रिपोर्ट- विपिन निगम

न्यूज डेस्क (यूपी) कन्नौज: कन्नौज में लेखपालो द्वारा अवैध वसूली के मामले आये दिन सुनने को मिलते ही रहते है। कोई आवास के नाम पर पांच से दस हजार लूटता है तो कोई प्रमाण पत्रों पर रिपोर्ट लगाने के नाम पर खुलेआम मुंहमांगी रिश्वत लेता है।

ताजा मामला छिबरामऊ तहसील का है जहा शुक्रवार की दोपहर उस समय बड़ा बवाल हो गया जब लेखपाल द्वारा अधिवक्ता के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया । दरअसल बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र वर्मा व प्रशासनिक सदस्य विमलेश राजपूत सवर्ण आरक्षण के लिए ईडब्ल्यूएस आय प्रमाणपत्र के लिए शुक्रवार को रिपोर्ट लगवाने रजलामऊ की लेखपाल मोनिका मिश्रा के पास गए थे। लेखपाल मोनिका मिश्रा ने उनसे 2000 रुपये की मांग की रुपये न देने पर लेखपाल साहिबा ने रिपोर्ट न लगाने की बात कही रिपोर्ट न लगाने पर देवेंद्र वर्मा और मोनिका मिश्रा के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि इसी दौरान लेखपाल श्वेता कटियार और अखिलेश ने देवेंद्र वर्मा को पीट दिया। साथी के साथ मारपीट की जानकारी पर कई अधिवक्ता तहसील सभागार पहुंच गए। वहां वकीलों की लेखपालों से भिड़ंत हुई। तहसील सभागार में तोड़फोड़ की। परिसर में खड़ीं बाइक, स्कूटी और कार में तोड़फोड़ की गई। 
प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार राय पुलिस बल के साथ पहुंच गए। पुलिस ने लेखपालों को तहसील सभागार में बैठाकर वकीलों को बाहर निकाल दिया। गुस्साए वकील लगातार नारेबाजी कर रहे थे। तहसीलदार अभिमन्यु कुमार से भी वकीलों की तीखी नोकझोंक हुई। तिर्वा एसडीएम महेंद्र सिंह व सीओ सुबोध कुमार जायसवाल भी पहुंच गए। कई थानों की फोर्स बुला ली गई।


पुलिस ने घायल वकील को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेजा।  बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र श्रीवास्तव जीतू व महासचिव ललित प्रताप सिंह ने कहा कि जब तक आरोपी लेखपालों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, वकील नहीं जाएंगे। एडीएम उमेश चंद्र उपाध्याय लेखपालों व वकीलों से अलग-अलग वार्ता कर समझौते के प्रयास में जुट गए।

उधर, लेखपाल मोनिका मिश्रा ने बताया कि वकील देवेंद्र वर्मा फार्म पर रिपोर्ट लगवाने आए थे। उन्होंने जांच करने की बात कही तो वह भड़क गए। रुपये मांगने का आरोप लगाने लगे। ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। शासनादेश के अनुसार ही कार्य करने की बात कही गई थी। वकीलों ने उनके व साथियों के साथ मारपीट की है। 

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