रिपोर्ट-विपिन निगम
आगरा के थानों में पुलिस वाले रेप पीड़िताओं से पूछते हैं गैंगरेप का लाइव सीन बताओ। कितनी बार कपड़े बदले, किस तरह घटना हुई, उन्हें बार बार दोहराना पड़ता है। पिछले दिनों में शहर के तीन थानों में शिकायत लेकर पहुंचीं पीड़िताएं तो केस लिखवाने से पहले ही हार मान बैठीं और घर बैठ गयीं। ‘प्रताड़ना’ की शिकार ये महिलाएं कहती हैं कि अब उन्हें पुलिस केस नहीं चाहिए क्योंकि पुलिस ने हमें बहुत अपमानित किया। उन्हें अटपटे और अश्लील सवाल कर परेशान किया जाता है।
बलात्कारी बेखौफ, उनको डर नहीं
साल 2019 के शुरुआती छह महीनों में ही 700 से ज्यादा महिलाओं-बच्चियों के साथ घटनाएं हो चुकी हैं। जबकि साल 2018 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, आगरा रेप की घटनाओं में प्रदेश में तीसरे नंबर पर था। शहर लगातार सात बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं। जिनमें से चार को सजा हुई। बाकी तीन में अभी जांच चल रही है।
सुरक्षा को लेकर 13 लड़कियों ने छोड़ा था स्कूल
सातवीं कक्षा की एक लड़की को बदनीयती से दबोचा गया। लेकिन वह भाग निकली। जब यह बात परिजनों को पता चली तो लड़कियों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था। शहर के तीन कॉलेजों के गेट के सामने युवतियों से छेड़छाड़ की कोशिश की गई।