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Wednesday, May 8, 2024

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योगी जी संभालिये अपनी बेलगाम खाकी को ! —– रिपोर्ट – सुरूर खान

उ०प्र० की राजधानी लखनऊ के मड़ियांव थाना इंचार्ज ,SSI का एक चेहरा ऐसा भी !!! अरे ये क्या हुआ ! डायल 100 ने पीड़ितों को ही खड़ा कर दिया कटघरे में ???

लखनऊ 23 फरवरी। उ० प्र० सरकार के द्वारा महिलाओं- बेटियों की सुरक्षा के लिये डंके की चोट पर किये जाने वाले दावे आखिरकार खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं।
जी हां, ऐसा ही एक नजारा राजधानी के मड़ियांव थाने में बीती 19 फरवरी ,2018 का प्रकाश में आया है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिजवान कुरैशी की 7 वर्षीय बच्ची को उसकी पहली पत्नी कशिश कुरैशी ने जबरन एक सप्ताह से कैद कर रखा था ,बच्ची किसी तरह उसके चंगुल से भागकर अपने पिता के पास पहुंची और अपनी मां की करतूत बताई। बकौल रिजवान उसने बच्ची के साथ घटित घटना की सूचना दि० 19.2.18 की सायं डायल 100 पर दर्ज कराई जिसपर संबंधित पुलिस मौके पर पहुंच कर बच्ची का बयान दर्ज किया उसके बाद थाना मड़ियांव में FIR करवाने के वास्ते पुलिसकर्मी बच्ची सहित उसे अपने साथ ले गये। रिजवान और उसके परिवारी जनों ने यह भी बताया कि थाने में जाते ही डियूटी पर मौजूद दरोगा जी ने बच्ची को छीनकर उसी महिला के हवाले कर दिया जिसके चंगुल से छूटकर बच्ची अपने पिता के पास आई थी। बात यहीं पर खत्म नहीं होती है बतौर पीड़ित परिवार इंस्पेक्टर अमर नाथ वर्मा और SSI अमर नाथ यादव ने उनके साथ अभद्रता तो की ही इसके अलावा गाली- गलौच भी करने से नहीं चूके। पीड़िता की बूढ़ी मां और बहन के ऊपर हाथ तक छोड़ने से बाज नहीं आये। पीड़ित परिवार ने संबंधित थाना इंचार्ज और SSI पर आरोप लगाया है कि इन लोगों ने आरोपिता के साथ मिलकर 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर उल्टे पीड़ित परिवार को भी लपेटे में ले लिया और बड़े आराम से अपना गुडवर्क दिखाते हुए पल्ला झाड़ लिया। जबकि मुकदमा पीड़ित की ओर से लिखा जाना चाहिए था। पीड़ित परिवार ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि मड़ियांव थाने के इंस्पेक्टर अमर नाथ वर्मा और SSI अमर नाथ यादव के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही के साथ-साथ उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये जाएं ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।थाने में महिलाओं के साथ मारपीट की घटना अपने आप में गंभीर चिंता का विषय है।

एक ओर मुख्यमंत्री जी महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के कंधों पर थोप रहे हैं वहीं दूसरी ओर उन्हीं की नाक के नीचे मड़ियांव थाने के इंस्पेक्टर और SSI सरीखे रक्षक ही भक्षक की भूमिका में नजर आ रहे हैं । मामला बेहद गंभीर तो है ही साथ ही खाकी वर्दी पर बदनुमा दाग लगते भी साफ दिखाई दे रहा है जिसे आला अधिकारियों को तत्काल अपने स्तर से साफ करना पड़ेगा वर्ना प्रदेश सरकार का उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सपना चूर -चूर करने में मड़ियांव थाने के ऐसे बेलगाम इंस्पेक्टर और उनके अधीनस्थ कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

 

 

 

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