बजट में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था. अब इस पर 28 फीसदी का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लगाने का विचार किया जा रहा है.
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जानकारी के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल अपनी अगली बैठक में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन पर 28 फीसदी के भारी-भरकम टैक्स लगाने का विचार कर रहा है. सरकार डिजिटल करेंसी को लॉटरी, कैसिनो, रेसकोर्स और जुआ के रूप में वर्गीकृत करना चाहती है.
बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी के टैक्स का ऐलान किया था. वर्चुअल डिजिटल असेट पर टैक्स लागू करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में नया सेक्शन 115BBH को जोड़ा गया था.
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बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स जरूर लागू किया गया था, लेकिन अभी तक किसी तरह के डिजिटल असेट को रेग्युलेट नहीं किया गया है. इसका मतलब सरकार को आपकी कमाई से हिस्सा चाहिए, लेकिन किसी तरह की परेशानी होने पर रेग्युलेशन संबंधित मदद नहीं मिलेगी. वित्त मंत्री ने साफ-साफ कहा था कि टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देना नहीं है.
माना जा रहा है कि 28 फीसदी का जीएसटी 30 फीसदी के क्रिप्टो इनकम टैक्स से अलग होगा. इसके अलावा एक लिमिट से ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर 1 फीसदी का टीडीएस काटने पर भी विचार किया जा रहा है. इतना ही नहीं, अगर किसी दोस्त या रिलेटिव को क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल असेट गिफ्ट करते हैं तो उसपर भी टैक्स लगाया जाएगा.
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पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका के दौरे पर गई थीं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इसकी स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है. यह बहुत बड़ा बाजार हो गया है. ऐसे में अब एक ग्लोबल रेग्युलेशन की जरूरत है जिससे इसके कारण होने वाले किसी तरह की मनी लॉन्ड्रिंग को रोका जा सके. सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो की मदद से टेररिज्म को फंडिंग की जा रही है जिसपर लगाम कसना जरूरी है.