रिपोर्ट -विपिन निगम
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तलाक के फैसले के खिलाफ दाखिल पत्नी की अपील को खारिज करते हुए कहा कि पति को सुहाग रात पर यह कहना कि किसी और से शादी करना चाहती थी यह किसी क्रूरता से कम नहीं है। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील को खारिज कर दिया।याचिका दाखिल करते हुए पत्नी ने रेवाड़ी की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसके पति को उससे तलाक दिया गया था। याची ने कहा कि पति द्वारा लगाए गए आरोप गलत है। इसपर पति की ओर से कहा गया कि 2008 में उसकी शादी हुई थी और शादी के एक महीने बाद ही पत्नी घर छोड़ कर चली गई।
शादी के अगले ही दिन उसकी पत्नी ने उससे व उसकी मां से बदसलूकी की। साथ ही यह भी बताया कि सुहागरात के समय पत्नी ने कहा कि वह उससे शादी करना ही नहीं चाहती थी वह किसी और से शादी करना चाहती थी। पत्नी ने हाईकोर्ट में इन आरोपों को नकारा। इस बीच पति ने कहा कि पत्नी ने घर छोड़ने के बाद उसे और उसके परिवार को परेशान करने के लिए पुलिस में शिकायत भी दे दी।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसलासुनाते हुए कहा कि क्रूरता का कोई ऐसा पैमाना नहीं है जिससे इसको आंका जा सके। हर मामले में परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाता है। इस मामले में पत्नी द्वारा दर्ज की गई शिकायत से पति और उसके परिवार को बहुत कुछ झेलना पड़ा जो गलत है। वैसे भी पत्नी द्वारा पति को सुहागरात पर यह कहना कि तुमसे शादी नहीं करना चाहती थी किसी और से करना चाहती थी इससे बड़ी क्रूरता और क्या हो सकती है।