मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदान डाटा प्रणाली की मजबूती पर भरोसा जताते हुए कहा कि इसमें अंतर्निहित व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। उनकी यह टिप्पणी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आंकड़ों में हेराफेरी के आरोपों के बीच आई है।
प्रमुख बिंदु:
- मतदान डाटा प्रणाली की मजबूती:
- राजीव कुमार ने कहा कि मतदान डाटा प्रणाली को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी संभव नहीं है।
- यदि किसी स्तर पर गलती होती है, तो यह प्रणाली उस डाटा को स्वीकार नहीं करती।
- उन्होंने बताया कि बूथ स्तर के अफसरों सहित लाखों अधिकारी मतदान डाटा तैयार करने में शामिल होते हैं, जिससे पारदर्शिता और सटीकता बनी रहती है।
- लोकसभा 2024 एटलस का लॉन्च:
- यह टिप्पणी ‘लोकसभा 2024 एटलस’ लॉन्च कार्यक्रम के दौरान दी गई।
- एटलस-2024 में चुनाव और चुनाव परिणामों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
- यह दस्तावेज निर्वाचन आयोग की पारदर्शिता, पहुंच और चुनाव संबंधी आंकड़ों की अभिव्यक्ति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- लोकसभा चुनाव 2024 के आंकड़े:
- 2024 का संसदीय चुनाव 7 चरणों में आयोजित किया गया था।
- इसमें 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर 44 दिनों में मतदान पूरा हुआ।
निष्कर्ष:
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदान डाटा प्रणाली की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर जोर दिया और लोकसभा 2024 एटलस के माध्यम से चुनाव संबंधी आंकड़ों को पारदर्शी रूप से प्रस्तुत करने की पहल की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रणाली में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।